Tuesday, April 12, 2011

R.D BURMAN OR RESEARCH AND DEVELOPEMENT BURMAN

आर. डी बर्मन या रिसर्च एंड डेवलपमेंट  बर्मन 
आर. डी बर्मन ने संगीत की दुनिया में जो आविष्कार और प्रयोग किये हैं वे किसी वैज्ञानिक द्वारा किये जा रहे अविष्कारों और प्रयोगों से कम नहीं है. सन ७० से लेकर ८० के दशक तक उन्होंने हिन्दुस्तानी संगीत को जो नया आयाम दिया उसे ही आज के दौर के संगीतकारों ने आधार बना कर संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है. शायद ही उस दौर का कोई स्थापित गायक या गायिका या फिर कोई नवोदित कलाकार रहा होगा जिसने आर.डी बर्मन के संगीत निर्देशन में गीत न गाये हों या गीत गाने का सपना न देखा हो. नए कलाकारों को जितना मौका आर.डी बर्मन ने दिया शायद ही उस दौर के किसी संगीतकर ने दिया होगा. शैलेन्द्र सिंह जो उस ज़माने के एक युवा और नवोदित गायक थे उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था मेरे जीवन का टर्निंग पॉइंट पंचम हैं फिल्म "खेल खेल में का हमने तुमको देखा, ज़माने को दिखाना है का गीत होगा तुमसे प्यारा कौन और सागर का जाने दो ना "आज भी लोगों क जुबान पर हैं. शैलेन्द्र सिंह कहते हैं पंचम ने कभी भी किसी गायक पर संगीत को लेकर दबाव नहीं बनाया गायक की आवाज़ और उसकी क्षमता के अनुसार वे अपने संगीत में परिवर्तन कर लेते थे.
आशा जी की आवाज़ को एक वाद्य यन्त्र की तरह उपयोग में लाना आर.डी बर्मन के लिए ही संभव था. लता जी, किशोर दा, रफ़ी साहब, मुकेश जी, मन्ना डे जैसे महान कलाकारों द्वारा पंचम के संगीत निर्देशन में गाये गीत अविस्मर्णीय हैं. 
आर.डी बर्मन ने प्रकृति में मौजूद हर वस्तु में संगीत ढूँढने की कोशिश करी और अपने संगीत में उसे प्रयोग में लाकर सफलता भी प्राप्त करी.......................... आज उस महान वैज्ञानिक का जन्म दिन है. पंचम उनके चाहने वालों के दिलों में हमेशा रहेंगे, और उनके द्वारा किये गए रिसर्च एंड डेवलपमेंट आज के संगीतकारों और युवा पीढ़ी को प्रेरणा देते रहेंगे.

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