Monday, April 11, 2011

HOTEL LINDSAY KA BHOOT

घटना सन १९९९ की है जब मै बाटा कंपनी में इंटरव्यू  देने कोलकाता गया था उस महानगर की यह मेरी पहली यात्रा थी. जब सवेरे मै हावड़ा स्टेशन पर उतरा तो एक टेक्सी वाले को रोककर पुछा कोलकाता में न्यू मार्केट के आस पास कोई अच्छी होटल है उसने कहा आप चलिए वहां काफी होटलें हैं पसंद  कर लीजियेगा काफी घूमने के बाद हम लिंडसे स्ट्रीट पहुंचे जहाँ होटल लिंडसे मुझे अपने बजट के अनुसार ठीक लगी. होटल के मेनेजर ने मुझे छठी मंजिल पर कमरा दिया कमरा कुछ खास तो नहीं था पर एक अजीब सी मनहूसियत थी उसमे. मेरा इंटरव्यू  दुसरे दिन था इसलिए मै नहा कर अपनी पुरानी कंपनी के ब्रांच ऑफिस में चला गया. शाम अपने दोस्तों के साथ बिताकर मै होटल आ गया और खाना खाकर टी.वी देखने लगा करीब ११.३० बजे मै सोने लगा थका हुआ होने के कारण नींद जल्दी आ गई....................अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे कोई मुझे उठा कर बाहर कोरिडोर में लेकर जा रहा है मुझे लगा शायद कोई सपना देखा होगा मैंने दोबारा सोने की कोशिश करी लेकिन जैसे ही मै आँखे बंद करता मुझे महसूस होने लगता कोई मुझे लेकर जा रहा है ............न तो मुझे नींद में चलने की बीमारी है और ना ही मैंने इतनी पी रखी थी की होश न रहे ........................खैर मै रात भर सो नहीं पाया टी.वी देखता रहा..............चूँकि दुसरे दिन मेरा इंटरव्यू  शाम ४ बजे था तो मैंने सोचा दिन में सो जाऊँगा. सुबह जब मै चाय पी रहा था तो मैंने वेटर को रात का हादसा बताया वेटर कुछ घबराहट का भाव चेहरे पर लेकर आया और बिना कुछ कहे चला गया ...मैंने मेनेजर से चर्चा करी तो उसने कहा कुछ नहीं साहब आपका वहम होगा मैंने कहा आप मेरा रूम बदल दीजिये मेनेजर ने कहा अभी कोई रूम खाली नहीं है शाम तक कोशिश करूंगा. 
मै शाम को इंटरव्यू देने चला गया वहां से लौटा तो मेरा दोस्त होटल में मेरा इंतज़ार कर रहा था मैंने कहा बस मै कपडे बदल लूं और रूम शिफ्ट कर लूं फिर हम निकलते हैं ..............हम जैसे ही रूम में पहुंचे बाथरूम में कमोड के ऊपर का फ्लश टेंक टूटा हुआ था और पानी बह रहा था और बाथरूम में खून की दुर्गन्ध आ रही थी मैंने तुरंत मेनेजर को बुलाया और जिद करी की रूम बदल कर दे नहीं तो मै होटल छोड़ कर जा रहा हूँ  मेनेजर ने वेटर को कह कर मेरा सामान दूसरे रूम में शिफ्ट कर दिया. सामान  शिफ्ट कर के हम लोग बाहर चले गए जब मै रात में लौटा तो रात की ड्यूटी वाले वेटर से मैंने उस कमरे के बारे में पुछा वेटर ने किसी को न बताने की कसम देकर कहा साहब........... कई साल पहले इस कमरे में एक आदमी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और काफी सालों तक कमरा खाली पड़ा था लेकी जब से खुला है वहां कुछ न कुछ इसी तरह का होता रहता रेगुलर कस्टमर वहां नहीं रुकते आप नए थे इसलिए आप को वो कमरा दे दिया...........आप कृपया मेनेजर से मत कहियेगा वरना मेरी नौकरी चली जाएगी............दुसरे कमरे में मै रात में आराम से सोया और अगले दिन मेरी ट्रेन थी इंदौर के लिए इस लिए मैं सुबह होटल चेकआउट कर दी और अपने दोस्त के घर निकल गया और शाम को ट्रेन पकड़ कर इंदौर की और रवाना हो गया लेकिन आज तक यही सोच रहा हूँ की...... लिंडसे होटल का वो भूत कौन था.
घटनाए अभी बाकि हैं ........................

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