Wednesday, October 21, 2015

कहता था मुझसे शिद्दत से ढूंढ, खुदा मिल जाएगा,
मुद्दत हो गई ढूंढते - ढूंढते, यहाँ तो इंसान का भी नामोनिशां नहीं 

Monday, October 19, 2015

कोई तो बताए

दहशतगर्दों से तो फिर भी मेहफूज़ हूँ अब तक,
कोई तो बताए, इन फ़ितरतगर्दों का क्या करूँ ।

जयदीप - एक सोच यह भी