Monday, March 7, 2011

NETWORK MARKETING

नेटवर्क मार्केटिंग पैसा कमाने का शार्टकट या छलावा
 

नेटवर्क मार्केटिंग का जाल हमारे देश में १९९९ के बाद काफी रफ़्तार से फैला है....................... इसकी शुरुआत एक कनज्युमर प्रोडक्ट कंपनी द्वारा की गयी थी और देखते देखते कई कम्पनियाँ
जैसे जापानी गद्दे, वज़न घटाने वाले उत्पाद, स्वदेशी उत्पाद इत्यादि................. और सिलसिला शुरू हुआ लोगों को कम समय में अधिक पैसा कमाने के सब्जबाग दिखाने का. जैसा की हमारे देश में भेड चाल का रिवाज़ रहा है असंख्य लोग इससे जुड़ने लग गए भीड़ में हर दूसरा आदमी नेटवर्क मार्केटिंग की बात करते हुए दिखाई देता है इससे जुड़े लोगों की बातें सुनकर ऐसा लगता है जैसे दुनिया के सबसे अमीर और सुखी आदमी यही है..
अब अगर हम इन कंपनियों के काम करने के तरीके पर नज़र डालें तो वो अंदाज़ भी बड़ा नायाब है...... अचानक आपके पास किसी पुराने भूले बिसरे दोस्त का फोन आता है जिससे आप शायद पिछले दस सालों से न मिले हों और वह कहता है आज शाम को वो आपके घर चाय पर आना चाहता है आपकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता और आप दोस्त के मिलने की ख़ुशी में शाम होने का इंतज़ार करने लगते हैं.. दोस्त के आते ही कुछ औपचारिक और भूली बिसरी बातों के बाद..... धीरे से आपका दोस्त आपके परिवार, व्यापार, नौकरी या फिर फिनान्शिअल फ्रीडम की बात करने लगता है और सपने दिखाने लगता है अमीर बनने के बिना इस बात को जाने की क्या आप का इस प्रकार के किसी प्रोजेक्ट में रुझान है भी या नहीं या........ आप अपनी वर्तमान जीवन शैली से संतुष्ट हैं या नहीं. आप पर इतना ज्यादा मानसिक और भावुक दबाव बनाया जाता है.... इस प्रोजेक्ट को ज्वाइन करने का या सेमीनार में शामिल होने का की या तो हाँ बोल देते हैं या फिर सोच कर बताऊंगा यह कह कर टाल देतें हैं. टाल देने से आप बरी नहीं हो जाते कुछ दिनों बाद या तो इसी तरह कोई दूसरा मित्र मिलता है या..... कोई परिचित किसी अन्य नायाब तरीके के साथ आ जाता है कुल मिलाकर इस समस्या का समाधान आज तक कोई ढून्ढ नहीं पाया है की ऐसे अनचाहे बिज़नस प्रोपोसल्स को कैसे मना किया जाये.
सवाल यह है की क्या नेटवर्क मार्केटिंग कंपनियों का यह तरीका जायज़ है ?.......... कुछ लोग इसमें फंस कर कुछ समय तक तो काम कर पाते हैं और बाद में अपने ही दोस्तों और रिश्तेदारों से सम्बन्ध खराब कर लेते हैं या अपनी पूँजी बर्बाद कर लेते हैं... अगर ये कम्पनियाँ वाकई अपना व्यपार बढ़ाना चाहती हैं तो सिर्फ ऐसे लोगों से ही संपर्क करे जो इस बिज़नस को करना चाहते हैं और भविष्य में भी सुचारू रूप से कर सकते हैं. एक सर्वे के मुताबिक ८० % लोग इस प्रकार की बिज़नस में अपना नुक्सान कर चुके हैं क्योंकि कुछ समय बाद वे कम्पनियाँ ही नहीं दिखाई देती जिनमे लोगों को अमीरी के सब्जबाग दिखाए जाते हैं.
सोचना हमे है की नेटवर्क मार्केटिंग द्वारा पैसा कमाने का शार्टकट ढूँढना है या जो व्यापार या नौकरी हम कर रहे हैं उसमे संतुष्ट रहना है.

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