आज का दिन बीते साल को याद करने का दिन है शाम होते होते यादें धूमिल हो जाएगी और नए साल के आगमन की ख़ुशी में पार्टिओं का दौर शुरू हो जायेगा कहीं डी.जे पार्टी तो कहीं महफिले और शुरू होंगे शराब, शबाब और कबाब के दौर इसके साथ ही सड़कों पर शुरू होगा हुड्द्दंग का दौर कई लोग घर पहुचंगे लड़खड़ाते हुए तो कई दुर्घटनाग्रस्त होकर और कुछ शायद घर ही ना पहुँच पायें हो सकता है की नया साल उन्हें इस दुनिया से ही दूर ले जायेगा ...........................................
करोड़ों रूपए की शराब आज बहेगी अच्छा तरीका ढून्ढ रखा है हमने न्यू इयर को वेलकम करने का लेकिन सोचना यह है की क्या यह तरीका ज़रूरी है ? बिना शराब के भी नए साल की खुशियी को मनाया जा सकता है कुछ सकारात्मक संकल्प लेकर क्योंकि सोचना हमे है की १ जनवरी २०११ का अख़बार दुर्घटना, फसाद या मौत की ख़बरों से भरा हो या फिर खुशियों की ख़बरों से.
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